Prospectus 2023
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:"
Jayoti Vidyapeeth Women’s UniversitY (JVWU)
Established by Govt. of Rajasthan

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"School Heath & Education Camp"

ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय ​ने दी "​​बाल दिवस" पर दो नयी सौगातें राज्य सरकार ​द्वारा स्थापित राष्ट्र का प्रथम निजी महिला विश्वविद्यालय, ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय के तत्त्वाधान ​आस पास के ग्रामीण इलाकों के लिए दो नए कार्यक्रमों की शुरुआत की। पहला कार्यक्रम "स्कूल हेल्थ और एजुकेशन कैंप" के रूप में स्वास्थय और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कोट झेवर और देवला के सरकारी स्कूलों में आयोजित किया गया। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के आयुर्वेद और होमियोपैथी विभाग के शिशु एवं बाल रोग चिकित्सकों की एक टीम ने स्कूली बच्चों की विभिन्न जांचें की जिनमें बच्चों की नेत्र जांच, संपूर्ण बी एम् आई जांच, दांतों की जांच की गयी। दोनों स्कूलों को मिलाकर करीब दो सौ बच्चों की स्वास्थय जांचें की गयी। इन जांचों को विश्वविद्यालय में अध्ययनरत मेडिकल की छात्राओं की सहभागिता से कराया गया। "स्कूल हेल्थ और एजुकेशन कैंप" में विश्वविद्यालय के अन्य डिपार्टमेंट जैसे पैथोलॉजी, ऑप्टोमेट्री, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी और फिजियोथेरेपी ने भाग लिया।

"स्कूल हेल्थ और एजुकेशन कैंप" के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन एंड मेथोडोलॉजी के शिक्षकगण और बीएड की छात्राओं ने शिक्षा की महत्तवता के बारे में कोट झेवर और देवला के सरकारी स्कूलों ​के शिक्षकों के साथ मिलकर बच्चों को भविष्य में शिक्षा से सम्बंधित कुछ सवाल जवाब किये गए ताकि उनमें प्रारम्भिक और उच्च शिक्षा को वे कितना ज़रूरी समझतें हैं इसके बारे में जान सकें। इस एजुकेशन कैंप के ज़रिये ये भी जानने की कोशिश की गयी कि बच्चों को किन किन विषयों में अतिरिक्त ध्यान देने की आवश्यकता है और उन विषयों के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से बीएड की ​छात्राओं द्वारा अतिरिकत कक्षाओं के ज़रिये उन कमज़ोर स्कूली बच्चों की पढ़ाई कराने में मदद कर सकें।

विश्वविद्यालय ने एक और, अद्वितीय कार्यक्रम की शुरुआत बाल दिवस के अवसर पर की।इस अनोखे कार्यक्रम का नाम "रूरल डिजिटल ब्लड बैंक" के रूप में रखा गया है। इस कार्यक्रम की विशेषता डिजिटल रूप में ब्लड बैंक की स्थापना है, जिससे जब भी किसी व्यक्ति को आपातकालीन स्थिति में रक्त की ज़रुरत हो तो वो उसे विश्वविद्यालय के आयुर्वेद और होमियोपैथी अस्पताल के द्वारा उपलब्ध कराया जा सकें। उसी तरह डिजिटल माध्यम के द्वारा आपात की स्थिति में डोनर्स की सूची में से किसी भी व्यक्ति को रक्तदान करने के लिए बुलाया जा सके और एक कीमती ज़िन्दगी को बचाया जा सके।
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"रूरल डिजिटल ब्लड बैंक"​ के कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए विश्वविद्यालय के फिजियोथेरेपी, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी और रेडिएशन डिपार्टमेंट की पैरा-मेडिकल छात्राओं ने आगे बढ़कर हिस्सा लिए और देवला और कोट झवर गाँव में जाकर वहाँ रह रहे ग्रामीणों के ब्लड ग्रुप को चेक किया और साथ ही साथ उनका एक डिजिटल डेटाबेस तैयार किया ताकि ये डेटा भविष्य में आपातकालीन स्थिति में काम में आ सकें। ​

देवला और कोट झेवर के लोगों ने​ "स्कूल हेल्थ और एजुकेशन कैंप"​ और​ "रूरल डिजिटल ब्लड बैंक"​ सरीखे कार्यक्रमों की​ ​तारीफ़ करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय मैनेजमेंट द्वारा उठाया गया ये कदम सराहनीय है और इससे ग्रामीणों में​ ​स्वास्थय और शिक्षा की वजह से​ स्वालंबन की भावना आएगी और साथ ही साथ ग्रामीण सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

ज्ञात रहे,इससे पहले भी विश्वविद्यालय बालिका स्वास्थ्य योजना, नागरिक स्वास्थय योजनाके अन्तर्गत निशुल्क जाँच वासियो के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए कई योजनाएं क्रियान्वित कर चुका है। "विलेज एडॉप्शन स्कीम" के तहत विश्वविद्यालय की ओर से ग्राम झरना, कोटजेवर, असलपुर और देवला में स्वास्थ्य,शिक्षा और रोज़गार के लिए सर्वे किया गया था।​सर्वे से मिले डाटा के आधार पर विश्वविद्यालय इसी क्षेत्र में विकास के लिए नयी योजनाए प्रारम्भ​ कर रहा है जिनमें से ​इनदोनों कार्यक्रम की शुरुआत ​आज ​बाल दिवस पर ​की गयी।

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